जो मांगोगी वही मिलेगा सौगंध राम की मैं हूँ खाता। जो मांगोगी वही मिलेगा सौगंध राम की मैं हूँ खाता।
अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये! अब पूछ मेरा ना हाल प्रिये मैं कुछ दिन का मेहमान प्रिये!
जीवन करें बलिहारी, अवध की शोभा है अति न्यारी।। जीवन करें बलिहारी, अवध की शोभा है अति न्यारी।।
इस मिट्टी के आगे मस्तक झुकता बारम्बार है। इस मिट्टी के आगे मस्तक झुकता बारम्बार है।
देखिहे राम लक्ष्मण हो ललनवा हम नचवाई हो हनुमनवा। देखिहे राम लक्ष्मण हो ललनवा हम नचवाई हो हनुमनवा।
कौशल्या अरु दशरथ नन्दन, जलज नयन छवि ललित ललाम। कौशल्या अरु दशरथ नन्दन, जलज नयन छवि ललित ललाम।